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"क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग: क्या है और यह कैसे काम करती है?"

क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंप्यूटर की पावर का इस्तेमाल करके क्रिप्टोकरेंसी (जैसे Bitcoin, Ethereum आदि) बनाई जाती है और ब्लॉकचेन को सुरक्षित किया जाता है।


क्रिप्टो माइनिंग कैसे काम करती है?

1. ब्लॉकचेन और ट्रांजैक्शन की वेरिफिकेशन:
जब कोई क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन (transaction) होता है, तो उसे ब्लॉकचेन पर जोड़ा जाता है। माइनर्स इसे वेरिफाई करते हैं और एक नए ब्लॉक में जोड़ते हैं।


2. क्रिप्टोग्राफिक पजल्स सॉल्व करना:

माइनिंग में जटिल गणितीय समस्याओं (cryptographic puzzles) को हल करना पड़ता है। इसे प्रूफ-ऑफ-वर्क (Proof of Work) कहा जाता है। जो सबसे पहले इसे हल करता है, उसे इनाम (reward) मिलता है।


3. रिवॉर्ड कमाना:

माइनर्स को इनाम के रूप में क्रिप्टोकरेंसी दी जाती है। उदाहरण के लिए, Bitcoin माइनिंग में वर्तमान में हर ब्लॉक के लिए 6.25 BTC का इनाम मिलता है (जो हर 4 साल में आधा हो जाता है)।


माइनिंग के लिए क्या चाहिए?

1. पावरफुल हार्डवेयर:

GPU (Graphics Processing Unit)

ASIC माइनर्स (Application-Specific Integrated Circuit)


2. बिजली की अधिक खपत:

माइनिंग में बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती है। इसीलिए यह उन्हीं जगहों पर फायदेमंद है जहां बिजली सस्ती हो।


3. माइनिंग सॉफ्टवेयर:

जैसे CGMiner, NiceHash आदि।


4. इंटरनेट कनेक्शन:

तेज और स्थिर इंटरनेट जरूरी है।

क्या माइनिंग फायदेमंद है?

माइनिंग का मुनाफा कई चीजों पर निर्भर करता है:

हार्डवेयर की लागत

बिजली का खर्चा

क्रिप्टोकरेंसी की बाजार में कीमत

माइनिंग की कठिनाई (जो समय के साथ बढ़ती जाती है)

आजकल, व्यक्तिगत माइनिंग की बजाय लोग माइनिंग पूल (Mining Pools) में शामिल होते हैं। इसमें कई लोग अपनी कंप्यूटिंग पावर मिलाते हैं और इनाम को आपस में बांट लेते हैं।

हालांकि, Bitcoin माइनिंग अब बहुत मुश्किल और महंगी हो गई है, इसलिए लोग अन्य क्रिप्टोकरेंसी (Altcoins) माइन करना पसंद करते हैं।

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